अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्‍ली। गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल का कहना है कि वह टी-20 क्रिकेट के सबसे बड़े मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करने से बड़ा कुछ नहीं है, लेकिन अभी मैं चयन के बारे में नहीं सोच रहा हूं। शुभमन ने कहा कि उनका पूरा ध्यान अभी आईपीएल में अपनी टीम को प्‍लेऑफ में पहुंचाने पर है और वह अपनी कप्तानी का आनंद ले रहे हैं। शुभमन से अभिषेक त्रिपाठी ने विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:

सवाल – इस सत्र में आप गुजरात टाइटंस की कप्तानी कर रहे हैं। कैसा अनुभव रहा है अब तक?

जवाब – कप्तान के रूप में अब तक का अनुभव बहुत अच्छा रहा है। मैं अपनी भूमिका का आनंद ले रहा हूं क्योंकि मुझे नहीं पता कि कितने ऐसे खिलाड़ी होंगे, जिन्हें ऐसी टीम की कप्तानी मिली होगी जो अपने शुरुआती दो सालों में दो आईपीएल फाइनल खेली है।

मुझे काफी कुछ सीखने को मिला अपने बारे में क्योंकि जब आप एक खिलाड़ी के रूप में खेलते हो तो आप व्यक्तिगत प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि कैसे अपनी बल्लेबाजी या क्षेत्ररक्षण से टीम के लिए योगदान से सकें। लेकिन एक कप्तान के रूप में आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है।फिर आपको अपने प्रदर्शन के साथ ही दूसरों से प्रदर्शन करवाना भी जरूरी हो जाता है। एक अच्छे नेतृत्वकर्ता की यही विशेषता होती है कि वह अपने खिलाडि़यों से उनका सर्वश्रेष्ठ कैसे निकलवाता है।

सवाल – क्या आपको लगता है कि इस वर्ष आईपीएल टी-20 विश्व कप की ड्रेस रिहर्सल की तरह होगा?

जवाब – पिछले वर्ष वनडे विश्व कप में मेरा जो अनुभव रहा है क्योंकि जिस तरह से उसकी शुरुआत हुई थी। मुझे डेंगू हो गया था और उसके बाद मैं वापस खेला, वो जो अनुभव था और उससे जो मुझे सीखने को मिला क्योंकि विश्व कप का अनुभव अलग ही होता है और वह भी जब विश्व कप भारत में खेला जा रहा हो। मेरा विश्व कप काफी अच्छा गया था और निश्चित रूप से मेरा सपना है कि मैं भारत के लिए टी-20 विश्व कप में खेलूं।

टी-20 क्रिकेट के सबसे बड़े मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना है। अगर जहां तक मेरे चयन की बात है तो पिछले आईपीएल में 900 के करीब रन बनाने के बावजूद मेरा चयन नहीं होता है तो मैं बस उन खिलाड़‍ियों के लिए चीयर करूंगा, जिन्हें टीम में अवसर मिलेगा।

टी-20 में खेलना बहुत बड़ी बात है, लेकिन अगर मैं केवल चयन के बारे में सोचता हूं तो यह मेरी टीम के साथ अन्याय होगा। मेरा पूरा ध्यान अभी आईपीएल खेलने पर है और मेरी टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर है

जवाब – बिल्कुल, पिछले तीन चार साल में इसमें बहुत बदलाव आया है। ऐसा नहीं है कि पहले भी 200 या 220 रन नहीं बनते थे, बिल्कुल बनते थे। लेकिन उस स्कोर को चेज करने का चांस उतना नहीं होता था। अब 200 से ज्यादा रन बन रहे हैं और टीमें दूसरी पारी में भी 200 रन बनाकर जीत रही हैं।

सवाल – इंपैक्ट प्लेयर निमय को आप कैसे देखते हैं?

जवाब – मेरी नजर में इंपैक्ट प्लेयर नियम आने के बाद अब टीमें 12 खिलाड़‍ियों से मैच खेल रही हैं। विकेट 10 ही हैं, लेकिन खिलाड़ी 12 खेल रहे हैं। मेरे नजरिये में यह बहुत ही रोचक नियम है, लेकिन जहां तक ये कितना लाभकारी है, उस पर प्रश्नचिह्न है। बिल्कुल रोचक है, लेकिन लाभकारी है यह कह नहीं सकता।

सवाल – टाइटंस की सफलता में आशीष नेहरा की भूमिका को कैसे आंकते हैं?

जवाब – मुझे लगता है कि गुजरात टाइटंस ने जो विरासत बनाई, उसमें आशीष नेहरा की भूमिका अधिक थी। जाहिर है, हार्दिक भाई के नेतृत्व में टीम को सफलता के अलावा कुछ नहीं मिला, लेकिन मैं इस बारे में नहीं सोच रहा हूं कि पिछले कुछ सत्र में क्या हुआ क्योंकि वह इतिहास है।

सवाल – गुजरात के प्‍लेऑफ में पहुंचने की कितनी संभावना है?

जवाब – हमारी अब भी प्‍लेऑफ में पहुंचने की पूरी संभावना है। हम एक ऐसी टीम हैं जिसने सफलता का अनुभव किया है और जानते हैं कि बड़े मैच कैसे खेलें और दबाव की स्थिति में एक बेहतर टीम बनें। अभी मेरा पूरा ध्यान टीम को प्‍लेऑफ में पहुंचाने पर है।

सवाल – आप प्रसिद्धि और सफलता को कैसे देखते हैं?

जवाब – सफलता बहुत हद तक यह परिभाषित करती है कि आप कौन हैं लेकिन यह आपको कुछ नहीं सिखाती। सफलता केवल आपके अहंकार को बढ़ावा दे सकती है और यह आपकी असफलताएं हैं जो आपको सिखाती हैं और आगे बढ़ने के लिए आपको इसकी आवश्यकता है।

सवाल – आपके अनुसार सर्वश्रेष्ठ कप्तान कौन रहा है, जिससे आपको काफी कुछ सीखने को मिला हो?

जवाब – दो कप्तान हैं, जिनसे मैं काफी प्रेरित हुआ हूं। एक महेंद्र सिंह धोनी और दूसरे रिकी पोंटिंग। माही भाई ने भारतीय टीम के साथ जो हासिल किया, उसका मैं बहुत सम्मान करता हूं। रिकी पोंटिंग इसलिए क्योंकि जिस तरीके से उन्होंने अपनी क्रिकेट खेली है और जिस तरह से उन्होंने अपनी टीम का नेतृत्व किया है।

ये कहना बड़ा आसान है कि उनकी टीम में ब्रेट ली, मैक्ग्रा, शेन वॉर्न और एडम गिलक्रिस्ट जैसे खिलाड़ी थे, लेकिन इन खिलाड़‍ियों को बनाने में उनका बहुत बड़ा हाथ था। मुझे याद है कि 2007 विश्व कप से पहले उनसे किसी ने पूछा था कि आपकी टीम में ज्यादा खिलाड़ी 35 वर्ष के हैं और आप इस बार दावेदार नहीं हैं।

इस पर पोंटिंग ने कहा था कि ये प्रश्न आप तब पूछना जब हम ट्रॉफी जीतेंगे। उन्होंने ट्राफी जीती और फिर उस पत्रकार को बुलाया और वही प्रश्न पूछने को कहा। पोंटिंग का आत्मविश्वास गजब का था।

सवाल – किस बल्लेबाज की बल्लेबाजी में सबसे ज्यादा मजा आता है?

जवाब – सचिन सर, क्योंकि अगर वह क्रिकेट नहीं खेलते तो मुझे नहीं लगता कि मैं भी क्रिकेट खेल रहा होता।