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MSME क्या है? :- MSME क्या है? एमएसएमई के प्रकार व रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जानिए

MSME market access

व्यापार से जुडी सरकारी योजनाओं की बात आती है तो MSME का नाम जरूरी सुनने को मिलता है ऐसे में सवाल ये पुछा जाता है की MSME क्या है?

आज हम भारत की जीडीपी में अहम योगदान देने वाले MSME सेक्टर की बात करेंगे। आपने कई बार राजनेताओं के द्वारा और मीडिया में भी बजट की घोषणाओं के दौरान इस सेक्टर का नाम सुना होगा लेकिन अभी तक आपको इसके बारे में अच्छे से जानकारी नही है या फिर आप msme kya hota hai इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आज का लेख आप ही के लिए है।

इस लेख में सबसे पहले आपको बताया जाएगा कि आखिरकार एमएसएमई क्या है और फिर MSME के प्रकार, रजिस्ट्रेशन कैसे करें व इससे मिलने वाले फायदों से रूबरू कराया जाएगा ताकि आप इस सेक्टर के बारे में पूर्ण रूप से ज्ञान ले सकें। तो आइए MSME के बारे में विस्तार से जानते हैं।

MSME क्या है | MSME Kya Hai.

MSME छोटे या मंझले उद्यमों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। एमएसएमई का फुल फॉर्म Micro, Small & Medium Enterprises (माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज होता है। हिंदी में इसका पूरा नाम सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम होता है। यदि आपको आसान शब्दों में बताया जाये तो वे सभी उद्योग या कंपनियां जो छोटे या मध्यम आकार की होती हैं उन्हें MSME की श्रेणी के अंतर्गत माना जाता है।

इसके लिए भारत सरकार में एक अलग से मंत्रालय भी होता है जिसके अभी के कैबिनेट मंत्री श्रीमान नारायण तातु राणे जी हैं और श्रीमान भानु प्रताप सिंह वर्मा जी राज्यमंत्री हैं। बता दें कि देश में जितने भी उद्योग या कंपनियां MSME के अंतर्गत आते हैं उनका संचालन इस मंत्रालय व इन मंत्रियों के द्वारा ही किया जाता है।.

एमएसएमई की परिभाषा | MSME in Hindi

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हैं कि MSME में तीन तरह के उद्यम आते हैं जिन्हें सूक्ष्म, लघु व मध्यम का दर्जा दिया गया है। अब समय-समय पर इन तीनों उद्यमों की परिभाषा बदलती रहती है।

इनकी परिभाषा से अर्थ इन उद्यमों में लगने वाला निवेश और होने वाले टर्नओवर से इन्हें अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जाता है। आखिरी बार MSME की परिभाषा को भारत की वर्तमान वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी के द्वारा वर्ष 2020 में परिभाषित किया गया था। उसके अनुसार तीनों श्रेणियों का विवरण इस प्रकार है:

2. एमएसएमई के अंतर्गत लघु उद्यम | MSME Laghu Udyog

वे उद्योग जिन्होंने अपना प्लांट लगवाने, मशीन व उपकरण खरीदने में 10 करोड़ से कम का निवेश किया हो व साथ ही जिनका सालाना टर्न ओवर 50 करोड़ से अधिक ना हो, वे MSME के लघु उद्यम के अंतर्गत आएंगे।

3. एमएसएमई के अंतर्गत मध्यम उद्यम | MSME Madhya Udyog

वे उद्योग जिन्होंने अपना प्लांट लगवाने, मशीन व उपकरण खरीदने में 20 करोड़ से कम का निवेश किया हो व साथ ही जिनका सालाना टर्न ओवर 100 करोड़ से अधिक ना हो, वे MSME के मध्यम उद्यम के अंतर्गत आएंगे।

पहले सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम के अंतर्गत आने वाले उद्योगों का निवेश व टर्न ओवर कम हुआ करता था लेकिन तेजी से बदलती अर्थव्यवस्था के कारण इसमें बढ़ोत्तरी की गयी थी। साथ ही MSME को उसके कार्य के अनुसार मुख्यतया 2 भागों में विभाजित किया गया है, जिसके बारे में हम आगे जानेंगे।

MSME के प्रकार | Types of MSME in Hindi

MSME में दो तरह के उद्यम आते हैं जिस कारण इसे दो भागों में विभाजित किया गया है। पहला प्रकार मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित है और दूसरा प्रकार सर्विस से सम्बंधित। इसमें मैन्युफैक्चरिंग का मतलब विनिर्माण व सर्विस से है। अब आइए एक-एक करके दोनों प्रकारों के बारे में विस्तार से जानते हैं।.

1. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर या विनिनिर्माण उद्यम | MSME Udyog Manufacturing Sector.

इस उद्यम के अंतर्गत वे फैक्ट्रीयां या कारखाने आएंगे जहाँ पर किसी वस्तु का निर्माण किया जाता है। हम जो भी चीज़ इस्तेमाल करते हैं फिर चाहे वो खाने की चीज़ हो या पहनने की चीज़, वे कहीं ना कहीं तो बनती ही होगी। कहने का अर्थ यह हुआ कि हर चीज़ का पहले निर्माण किया जाता होगा और उसके बाद ही वह हमारे पास पहुँचती होगी।

उदाहरण के तौर पर आप रोजाना में इस्तेमाल होने वाली साबुन ले लीजिए। अब जिस साबुन से आप नहाते हैं वह पहले उस कंपनी की फैक्ट्री में बनती होगी और वहां से बनने के बाद यह विभिन्न डीलर्स व दुकानदारों की सहायता से आपके पास पहुँचती होगी। तो जो कंपनी उस साबुन को बना रही है यदि उसका सालाना टर्न ओवर 250 करोड़ से कम होगा तो वह MSME की मैन्युफैक्चरिंग श्रेणी के अंतर्गत आएगी।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आने वाले कुछ उद्यमों के उदाहरण:

ध्यान रखें जो बड़ी-बड़ी कंपनियां होती हैं जैसे कि टीवी, मोबाइल, एसी, कार बनाने वाली कंपनियां, वे शायद ही MSME सेक्टर के अंतर्गत आती हो क्योंकि इनका सालाना टर्न ओवर 250 करोड़ से कही अधिक होता है और ये मल्टी नेशनल कंपनियों के अंतर्गत आ जाती हैं। उसी प्रकार यदि कोई छोटे उत्पाद बनाने वाली कंपनी हो लेकिन वो अत्यधिक प्रसिद्ध हो और उसका माल विदेशों में भी बिकने लगा हो तो वह भी शायद ही MSME के अंतर्गत आये।.

2. सर्विस सेक्टर या सेवा उद्यम | MSME Udyog Service Sector

सर्विस सेक्टर में किसी चीज़ का निर्माण नही होता बल्कि इसमें वे कंपनियां, संस्थाएं इत्यादि आती हैं जिनके द्वारा हमे किसी तरह की सर्विस उपलब्ध करवाई जाती है। यह सर्विस किसी भी तरह की हो सकती है बस उसमें उस चीज़ का निर्माण शामिल नही होता। इसलिए जो कंपनी किसी चीज़ के बिना निर्माण किये किसी चीज़ की सेवा आपको दे रही हैं तो वह MSME की सर्विस श्रेणी के अंतर्गत आएँगी।

उदाहरण के तौर पर आप जब अपने परिवार या दोस्तों के साथ कहीं घूमने जाते होंगे तो किसी होटल में रुकते होंगे। तो अब वह होटल आपको कोई चीज़ तो बनाकर दे नही रहा है, बस वह आपको वहां रुकने की सुविधा दे रहा है और बदले में आपसे कुछ चार्ज ले रहा है। इसका अर्थ यह हुआ कि उस होटल के द्वारा आपको एक सर्विस दी जा रही है। तो वह होटल या वह ब्रांच जिस भी होटल की हो, यदि उसका सालाना टर्न ओवर 100 करोड़ से कम होगा तो वह MSME की सर्विस श्रेणी में आ जाएगा।

सर्विस सेक्टर में आने वाले कुछ उद्यमों के उदाहरण:

इसमें भी इस बात का ध्यान रखें कि जिन होटल या इंस्टिट्यूट आदि का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ से पार पहुँच गया तो वह MSME सेक्टर से बाहर हो जाएगा। कहने का तात्पर्य यह हुआ कि MSME में ज्यादातर वह उद्यम आते हैं जो आपके शहर या गाँव तक ही सीमित हों या जिनकी ब्रांच ज्यादा जगह ना हो।.

MSME के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करे | Registration Process of MSME in Hindi

अब तक आपने यह जाना कि MSME होता क्या है और उसके अंतर्गत कौनसे तरह के व्यापार, उद्योग या कंपनियां आ सकती हैं लेकिन अब यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आप अपना उद्योग या कंपनी MSME के अंतर्गत किस तरह से रजिस्टर करवाए तो अब हम उसके बारे में भी विस्तार से बात करेंगे।

आप चाहें कोई नयी कंपनी खोलने जा रहे हो या किसी उत्पाद का निर्माण करने जा रहे हो लेकिन यदि आप अपने द्वारा शुरू किये जा रहे काम को MSME के अंतर्गत रजिस्टर करवा लेंगे तो इसमें सरकार के द्वारा आपको कई तरह से सहायता दी जाएगी और समय-समय पर आपको कई तरह के लाभ भी मिलेंगे।

तो MSME में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं। आइए दोनों के बारे में जाने।

1. MSME Udyog के लिए ऑनलाइन आवेदन

इसके लिए आप MSME की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ और वहां आपको नए उद्योग का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए एक लिंक दिखाई देगा। जब आप इस लिंक पर क्लिक करेंगे तो यह आपको Udyam registration की वेबसाइट पर ले जाएगा। आप चाहे तो सीधे इस वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।

अब यहाँ पर आपसे आपके उद्योग, आपकी निजी जानकारी, सरकारी दस्तावेज इत्यादि जैसी कुछ आवश्यक चीज़े मांगी जाएंगी। MSME में रजिस्टर करवाने के लिए जिन आवश्यक चीज़ों को सबमिट करवाना होता हैं, वे हैं:

जब आप इस साईट पर जाएंगे तब आपको एक फॉर्म दिखाई देगा जहाँ पर आपको ऊपर दी गयी सभी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद आपके आधार कार्ड से जो मोबाइल नंबर लिंक हैं, उस पर एक ओटीपी आएगा। स्क्रीन पर ओटीपी दर्ज करने के बाद यह उसे सत्यापित करेगा और आपको एक रसीद दे देगा। आप चाहे तो इस रसीद का प्रिंट निकलवा कर अपने पास रख सकते हैं।

इसके बाद सरकार के द्वारा आपके उद्योग को रजिस्टर करने के लिए कुछ दिनों का समय लिया जाएगा तथा कुछ दिनों के पश्चात संबंधित अधिकारी आपके उद्योग को देखने आएंगे और जांच पड़ताल के बाद आपकी कंपनी या उद्योग को MSME के अंतर्गत मान्यता दे दी जाएगी।

 

2. MSME Udyog के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

इसके लिए आपको अपने संबंधित क्षेत्र के उद्योग केंद्र में जाना होगा और वहां से एक फॉर्म लेना होगा। इस फॉर्म में आपको अपनी व अपने उद्योग की सभी जानकारी भरनी होगी और संबंधित सरकारी दस्तावेजों की फोटोकॉपी सलंग्न करनी होगी। फॉर्म पूरा भरने के बाद उसे अच्छे से जांच अवश्य ले या फिर किसी प्रोफेशनल व्यक्ति जैसे कि वकील या सीए इत्यादि को दिखा दें।

एक बार जब आपने यह फॉर्म भर दिया और उसकी सही से जांच कर ली तब आप इसे संबंधित उद्योग केंद्र पर जाकर जमा करवा दें। इसके बाद अधिकारियों के द्वारा आपके उद्योग की जाँच के लिए कुछ दिनों का समय लिया जाएगा और फिर आपके उद्योग को मान्यता दे दी जाएगी।

 

एमएसएमई के लाभ | MSME Ke Fayde

यदि आपको लगता है कि MSME के अंतर्गत बस अपने बिज़नेस को रजिस्टर करवा लिया और हो गया काम और उसके बाद इससे कुछ फायदा नही मिलने वाला तो आप बिल्कुल गलत हैं। दरअसल भारत की जीडीपी में MSME का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए भारत कि जीडीपी को बढ़ाने के लिए भारत सरकार के द्वारा MSME सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए कई तरह से सहायता की जा रही है। तो बता दें यदि आप भी अपने बिज़नेस को MSME के अंतर्गत रजिस्टर करवा लेते हैं तो आपको निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:

यह थे कुछ कारण जिन्हें ध्यान में रखकर आपको आज ही अपने उद्योग या बिज़नेस को MSME सेक्टर के अंतर्गत रजिस्टर करवा लेना चाहिए ताकि आप भी सरकार की योजनाओं का संपूर्ण लाभ उठा सके।.

 

 

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